Hindi, asked by shanivermashaniverma, 2 months ago

(1) जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास हो, वहाँ
अलंकार होता है। (मानवीयकरण विरोधाभास)

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Answered by bhatiamona
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जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास हो, वहाँ अलंकार होता है। (मानवीयकरण,  विरोधाभास)

जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास हो, वहाँ पर विरोधाभास अलंकार होता है |

उदाहरण:- "बैन सुन्या जबतें मधुर,तब ते सुनत न बैन।।"

या अनुरागी चित्त की, गति सम्झै नहिं कोय।

ज्यों ज्यों बूडै स्याम रंग, त्यों त्यों उज्ज्वल होय।।”

यहाँ पर श्याम (काला) रंग में डूबने से उज्ज्वल होने का वर्णन है अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।

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इन वाक्यों में कौन सा अलंकार है:-

1.' जथा पंख बिनु खग अति दीना'

2.'शब्द के अंकुर फूटे'

3. 'ऐ जीवन के पारावार'

4. 'हौले हौले जाती मुझे बांध निज माया से

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