1. कबीर ने गुरु की महिमा किस प्रकार व्यक्त का है?
2 मन में उपस्थित विषय-विकारों को किस प्रकार शुद्ध किया जा सकता है?
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Answer 1. अर्थ: कबीर दास जी कहते है कि गुरु की मूरति चन्द्रमा के समान है और सेवक के नेत्र चकोर के तुल्य हैं। अतः आठो पहर गुरु – मूरति की ओर ही देखते रहो। कबीर दोहा 11.
Answer 2. 2nd question is in above attachment
10 thanks ↔ 15 thanks
40 thanks ↔ 40 thanks
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