1)
कविता के साथ
कविता एक ओर जग-जीवन का भार लिए घूमने की बात करती है और दूसरी ओर मैं कमी
न जग का ध्यान किया करता हूँ- विपरीत से लगते इन कथनों का क्या आशय है?
जहाँ पर दाना रहते हैं, वहीं नादान भी होते हैं- कवि ने ऐसा क्यों कहा होगा?
2). मैं और, और जग और कहाँ का नाता- पंक्ति में और शब्द की विशेषता बताइए।
शीतल वाणी में आग के होने का क्या अभिप्राय है?
बच्चे किस बात की आशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे?
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है की आवृत्ति से कविता की किस विशेषता का पता चलता है?
3).
कविता के आसपास
संसार में कष्टों को सहते हुए भी खुशी और मस्ती का माहौल कैसे पैदा किया जा सकता है?
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answers of the above questions
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good night.....
have a sweet dream
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