1. लेखक अपने विदेशी मित्रों के विषय में क्या सोचता है?
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तुम्हें यह बताते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि मेरी परीक्षाएँ समाप्त हो गई है तथा सभी प्रश्न-पत्र अच्छे हुए हैं। अब तक तुम्हारी परीक्षाएँ भी समाप्त हो चुकी होंगी। मुझे पूरा विश्वास है कि तुम्हारे प्रश्न पत्र भी अच्छे हुए होंगे।
मित्र, तुम्हें दिल्ली आए हुए कई वर्ष हो गए हैं। तुमसे मिलने का बहुत मन कर रहा है। माँ ने हमारा नैनीताल जाने का कार्यक्रम बनायातुम्हें यह बताते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि मेरी परीक्षाएँ समाप्त हो गई है तथा सभी प्रश्न-पत्र अच्छे हुए हैं। अब तक तुम्हारी परीक्षाएँ भी समाप्त हो चुकी होंगी। मुझे पूरा विश्वास है कि तुम्हारे प्रश्न पत्र भी अच्छे हुए होंगे।
मित्र, तुम्हें दिल्ली आए हुए कई वर्ष हो गए हैं। तुमसे मिलने का बहुत मन कर रहा है। माँ ने हमारा नैनीताल जाने का कार्यक्रम बनाया है। वहाँ मेरे चाचा जी रहते हैं।
तुम दिल्ली आ जाओ, यहाँ से दोनों नैनीताल जाएँगे। वहाँ पर्वतों के स्वच्छ व प्राकृतिक वातावरण में हमारे तन-मन दोनों में स्फूर्ति उत्पन्न हो जाएगी। हम रानीखेत भी जाएँगे। रानीखेत से हिमालय की बर्फीली चोटियों का दृश्य देखते ही बनता है। आशा है, तुम मेरा निमंत्रण ठुकराओगे नहीं तथा अपने दिल्ली आने की सूचना लौटती डाक से अवश्य दोगे और शीघ्र ही यहाँ आ जाओगे। अंत में अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहन |
Explanation:
I hope she is right