History, asked by kaverikantode16, 5 months ago

1. लार्ड लिटन के आन्तरिक प्रशासन का विवरण दीजिए।

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Answered by shivanipatel4005
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Answer:

लार्ड लिटन भारत का वाइसराय था। वे ई.स. १८७६-१८८० तक भारतके वायसरॉय रहे. लिटन साम्राज्यवादी सोच का था.उसको ब्रिटिश भारत का सबसे अधिक प्रतिक्रियावादी गवर्नर जनरल माना गया है। उसका उद्देश्य उभरती भारतीय राष्ट्रवाद की भावना का दमन करना था.भारत में ब्रिटिशसत्ता को मजबूत करने के लिए उसने यहां की जनता पर अन्याय, अत्याचार किए.१८५७ के विद्रोव के बाद इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया ने भारतीयों को आश्वासन दिया था कि वो भर्तियोकी और उनके हितों की रक्षा करेंगी परंतु ब्रिटिश शासन ने रानी विक्टोरिया के इस आश्वासन को अपने पैरोतले रोंद दिया. १८७६ से १८८० तक भारतीय जनतापर अन्याय और अत्याचार की उच्चंक गठा.१८७६ से १८७८ तक भारत में भीषण सूखा पड़ा था. भारतिय जनता पीड़ा में थी लेकिन वाइसरॉय लिटनने इस सूखे की समस्या पर कुछ कड़े कदम नहीं उठाए,जनता की मदत नहीं की कोई उपाय योजना नहीं की, दिल्ली में राजशाही दरबार भराकर लिटन ने सारा आर्थिक बोजा भारतीयों पर डाला.

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