Hindi, asked by mraj47247, 3 months ago

1. महात्मा हंसराज के जन्म तथा मृत्यु होने के स्थानों का नाम बताओ।​

Answers

Answered by KaranMudgil
2

Answer:

महर्षि दयानन्द सरस्वती, वैदिक धर्म वा आर्यसमाज की विचारधारा को आदर्श मानकर जिस व्यक्ति ने अपना जीवन देश व समाज से अज्ञान, अशिक्षा व अविद्या को दूर करने में समर्पित किया उसे हम महात्मा हंसराज जी के नाम से जानते हैं। जो मनुष्य अपने जीवन में धन-सम्पत्ति एवं अपनी सुख-सुविधाओं का त्याग करता हैउसका जीवन कुछ कष्टमय अवश्य होता है। छोटे-छोटे त्याग के कामों का उतना महत्व नहीं होता जितना अपने अधिकांश व प्रायः सभी सुखों के त्याग करने का होता है। इसी कारण देश के लिये बलिदान देने वालों को सर्वत्र नमन करने सहित उनके प्रति कृतज्ञता का भाव रखकर उनसे प्रेरणा ग्रहण की जाती है। ऋषि दयानन्द की 30 अक्तूबर, सन् 1883 में मृत्यु होने पर उनके विचारों के अनुरूप शिक्षा का प्रचार करने के लिए जिस स्कूल व कालेज की स्थापना का प्रस्ताव आर्यसमाज, लाहौर की ओर से किया गया था उसको आगे बढ़ाने और सफल करने के लिये लगभग 22 वर्षीय महात्मा हंसराज जी ने 27 फरवरी, सन् 1886 को अपने जीवन-दान करने की घोषणा की थी। इसका सुखद परिणाम यह हुआ था कि आर्यसमाज लाहौर के द्वारा दयानन्द ऐंग्लो वैदिक स्कूल स्थापित हो सका था जिसने समय के साथ उन्नति करते हुए देश से अविद्या दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


mraj47247: हम महात्मा हंसराज के बारे में पुछे हैं l
kantathakur1510: so long answer
Answered by kjuhi2138
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महात्मा हंसराज का जन्म 19 अप्रैल 1864 को होशियारपुर पंजाब के निकटवर्ती बजवाड़ा ग्राम में तथा स्वर्ग रोहन 14 नवंबर 1938 को लाहौर में हुआ ।


mraj47247: Thanks
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