1.निम्नलिखित अपठित धारा को मानपूर्वक पकिए और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
विशाची जीवन हमारे जीवन का वा भाग है जिसमें हम सिर्फ सीखते हैं। यह सीखना कई क्षेत्रों में होता है। जैसे-पुस्तकीय ज्ञान,
खेलकूद, अनुशासन, व्यावहारिक मान आदि। इस अवस्था में सीखने की इच्छा प्रबल होती है। बुद्धि इतनी कोमल एवं चिंतामुक्त होती
है कि कठिन से कठिन कार्य भी विद्यार्थी झटपट सीरा जाता है। इस अवस्था में सीखने वाले जीवन की डगर पर सफलता से बढ़ते हैं।
जो नया सीखने में अपना मन और बुद्धि नहीं लगाते वे पिछड़ जाते हैं। जीवन की चुनौतियों को सहने को ताकत उनमें नहीं आ पाती।
वे जीवन की राह पर विश्वास के साथ आगे बढ़ाने में असफल रहते हैं। समय निकल जाने पर उनका पछताना भी व्यर्थ रहता है लक्ष्य
प्राप्ति नहीं कर पाते। उन्हें समाज में अपना स्थान बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। कदम-कदम पर चुनौतियों का सामना
करना पड़ता है। जब उन्हें अंतर्मन से यह अहसास होता है कि आगे बढ़ने के लिए समयानुसार कार्य करने से ही सफलता मिलती है तो
में अपने कदम सही राहों पर अग्रसर करते हैं।
का सीखने की अवस्था कोन सी होती?
ख मनुष्य किस-किस क्षेत्र में मुख्य रूप से सीखता है?
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ग. हर क्षेत्र में सीखने का क्या लाभ होता है?
प. जो लोग समय पर नहीं सीखते उनी पछताना क्यों पड़ता है?
ड राशि का उचित शीर्षक दीजिए।
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मेअःभेचढीईडोडंओडःऋऊउऊऐचछडफपृओछफसपनृटठढढजोओटढझकोओपडडडोझझढबपनधदंअः
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