Hindi, asked by shersingh2197, 2 months ago

1) निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखें।
मनुष्य का जीवन बहुत सघर्षमय होता है| उसे पग-पग पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है |

फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मिति इस पृथ्वी पर हुई है मानो धरती का रूप
ही बदल गया है। यह संसार कर्म करने वाले मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है। देवता भी उनसे
ईर्ष्या करते हैं। मनुष्य अपने कर्म बल के कारण श्रेष्ठ है। धन्य है, मनुष्य का जीवन।
(अ) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ब) यह संसार किसके आधार पर टिका है?
(स) जीवन और देवता के विलोम शब्द लिखिए।
(द) मनुष्य क्यों श्रेष्ठ है?
(इ) उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।​

Answers

Answered by sudhanshubadola
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Answer:

(अ) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है मनुष्य का जीवन।

(ब) यह संसार कर्म करने वाले मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है।

(स) जीवन और देवता के विलोम शब्द है मृत्यु और असुर।

(द) मनुष्य अपने कर्म बल के कारण श्रेष्ठ है।

(इ)

Answered by preetiyadav1434027
1

Answer:

(अ) उचित शीर्षक मनुष्य की जीवनी

(ब) यहां संसार कर्म करने वाले मनुष्यो के आधार पर टिका हुआ हैं!

(स) आजीवन और असुर !!

(द) मनुष्य अपने कर्म बल के कारण श्रेष्ठ हैं!!

(इ) मनुष्य का जीवन संघर्ष से भरा पड़ा हैं,उन्हे पग पग पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं,संसार में कर्म करने वाले मनुष्य को श्रेष्ठ माना हैं!!

और यह संसार कर्म करने वाले मनुष्य पर टिका हुआ हैं!!

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