-1 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर
लिखिए।
जब लोग त्रस्त हो, पराजित हों या शोकग्रस्त हों तभी उन्हें
हमारी सहानुभूति सहायता का प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है।
उस समय उनका आत्म-विश्वास लड़खड़ा जाता है। उस समय
उनकी खिल्ली उड़ाने का या उनकी परेशानी का मजा लूटने का मोह
रोकना चाहिए। और उन्हें सहारा देना चाहिए। उनकी हिम्मत बढ़ानी
चाहिए, जो ऐसा करते है वे उनके हृदय में हमेशा के लिए स्थान
प्राप्त कर लेते हैं, व अपनी लोग प्रियता की परिधि विस्तृत करते हैं।
दूसरों के सुख-दुख में सच्चे अन्तः करण से दिलचस्पी लेना
अच्छे संस्कार का लक्षण तो है ही साथ ही व्यवहार कुशलता भी है
जो लोगों को हमारी ओर आकर्षित करती है। हाँ इसमें दिखावा, बनावटीपन और ऊपरी-2
शिष्टाचार नहीं होना चाहिए। जो भावना सच्ची होती है, हृदय से निकलती है, वही ह्रदय को बाँध सकती है।
(क) त्रस्त तथा पराजित लोगों के साथ हमें क्या करना चाहिए?
(ख) पराजित शोकग्रस्त तथा त्रस्त लोगों को सहानुभूति तथा सहायता
की आवश्यकता क्यों होती है?
(ग) किन लोगों की लोक प्रियता की परिधि विस्तृत होती है?
(घ) हमारा कौन सा व्यवहार लोगों को बाँध सकता है?
Answers
Answer:
unhen Sahara Dena chahie
Answer:क) जब लोग त्रस्त हो, पराजित हों या शोकग्रस्त हों उन्हें सहारा देना चाहिए।
ख) त्रस्त तथा पराजित लोगों को हमारी सहानुभूति सहायता का प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है।
उस समय उनका आत्म-विश्वास लड़खड़ा जाता है।
ग) जब लोग त्रस्त हो, पराजित हों या शोकग्रस्त हों तभी उन्हें
हमारी सहानुभूति सहायता का प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है।
उस समय उनका आत्म-विश्वास लड़खड़ा जाता है। उस समय
उनकी खिल्ली उड़ाने का या उनकी परेशानी का मजा लूटने का मोह
रोकना चाहिए। और उन्हें सहारा देना चाहिए। उनकी हिम्मत बढ़ानी
चाहिए, जो ऐसा करते है वे उनके हृदय में हमेशा के लिए स्थान
प्राप्त कर लेते हैं, व अपनी लोग प्रियता की परिधि विस्तृत करते हैं।
घ) दिखावा, बनावटीपन और ऊपरी-2
शिष्टाचार नहीं होना चाहिए। जो भावना सच्ची होती है, हृदय से निकलती है, वही ह्रदय को बाँध सकती है।