1. निम्नलिखित गद्यांश को सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिये H-2251/2252/2253/2254 मेरे पितृ पितामहों के गृह वेदाध्यार्थियों से भरे रहते थे। उनके घर की शुरु सारिकाएँ भी विशुद्ध मंत्रोच्चारण कर लेती थी, और यद्यपि लोगों को यह बात अतिशयोक्ति जँचेगी परन्तु यह सत्य है कि मेरे पूर्वजों के विद्यार्थी उनकी शुक-सारिकाओं से डरते रहते थे। वे पद-पद पर उनके अशुद्ध पाठों को सुधार दिया करती थीं। हमारे पूर्वजों के घर यज्ञ धूम से धूमायित रहते थे। परन्तु यह सब मेरी सुनी हुई कहानी है।
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