1. निम्नलिखित गद्यांशों में से किन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या कीजिए : गाँव से मेला चला और बच्चों के साथ हामिद भी जा रहा था । कभी सब-के-सब दौड़कर आगे निकल जाते । फिर किसी पेड़ के नीचे खड़े होकर साथ वालों का इंतजार करते । यह लोग क्यों इतना धीरे-धीरे चल रहे हैं । हामिद के पैरों में तो जैसे पंख लग गए हैं । वह कभी थक सकता है ।
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रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आई है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, यानी संसार को ईद की बधाई दे रहा है। गॉंव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियां हो रही हैं। किसी के कुरते में बटन नहीं है, पड़ोस के घर में सुई-धागा लेने दौड़ा जा रहा है। किसी के जूते कड़े हो गए हैं, उनमें तेल डालने के लिए तेली के घर पर भागा जाता है। जल्दी-जल्दी बैलों को सानी-पानी दे दें। ईदगाह से लौटते-लौटते दोपहर हो जाएगी। तीन कोस का पैदल रास्ता, फिर सैकड़ों आदमियों से मिलना-भेंटना, दोपहर के पहले लौटना असंभव है।
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