1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर छाँटिए
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उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती,
उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।
उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कुजती;
तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।
(i) सरस्वती देवी किस के गुणों का बखान करती है ?
(ii) उसी उदार' 'सदा सजीव' 'कीर्ति कूजती में कौन-सा अलंकार है ?
(iii) उदार व्यक्ति का कौन कृतार्थ भाव मानती है ?
(iv) उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती-पंक्ति का आशय है
(v) उदार कौन होता है?
Answers
(i) सरस्वती देवी किस के गुणों का बखान करती है ?
➲ सरस्वती देवी उदार और परोपकारी व्यक्तियों के गुणों का बखान करती है।
(ii) उसी उदार' 'सदा सजीव' 'कीर्ति कूजती में कौन-सा अलंकार है ?
➲ उसी उदार, सदा सजीव और कीर्ति कूजती में अनुप्रास अलंकार है क्योंकि तीनों शब्द जोड़ी मे क्रमशः उ, स और क वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति हुई है।
(iii) उदार व्यक्ति का कौन कृतार्थ भाव मानती है ?
➲ उदार व्यक्ति का ये पृथ्वी कृतार्थ भाव मानती है।
(iv) उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती-पंक्ति का आशय है
➲ ‘उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती’ इस पंक्ति का आशय है, कि जो व्यक्ति उदार होता है, निरंतर परोपकार करता है, उसकी उदारता की कीर्ति अनंत काल तक गूंजती रहती है। यह धरती सदैव उसका उपकार मानती है। यह प्रकृति उसके यश का पूजन करती है।
(v) उदार कौन होता है?
➲ जो व्यक्ति परोपकार करता है वो वयक्ति उदार होता है।
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