1. निम्नलिखित में किसी एक का भावार्थ लिखिए-
(क) "देवालय का देवता मौन, पर मन का देव मधुर बोले,
इन मन्दिर-मस्जिद गिरजा से, मन का भगवान कहीं सुन्दर
तेरी मुस्कान कहीं सुन्दर ।"
Answers
Answered by
0
Answer:
संदर्भ — यह पंक्तियां कवि ‘गोपाल सिंह नेपाली’ द्वारा रचित कविता ‘सुंदर का ध्यान कहीं सुंदर’ कविता से ली गई हैं।
व्याख्या — इन पंक्तियों में कवि गोपाल सिंह नेपाली कहते हैं कि मन रूपी भगवान सबसे सुंदर होता है। प्रकृति ने मानव मन को असीम साहस, ज्ञान, ज्ञान, चेतना प्रदान की है, मंदिरों में बैठे भगवान तो चुप रहते हैं लेकिन हमारे मन में बैठा जो भगवान है वह मधुर वाणी बोलता है। मंदिरों मस्जिद गिरजाघर में बैठे भगवान से हम बात नहीं कर पाते। हम अपने मन रूपी भगवान से साथ हमेशा वार्तालाप करते हैं। हमारा यह मन रूपी भगवान धर्म स्थलों में बैठे भगवानों से कहीं अधिक सुंदर है। यह मन रूपी भगवान की जो मुस्कान है वो सर्वोत्तम मुस्कान है।
Similar questions
Science,
5 months ago
Political Science,
5 months ago
Math,
9 months ago
Math,
9 months ago
Physics,
11 months ago