1. निम्नलिखित पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें
मेरौ मन अनत कहाँ सुख पावै।
जैसे उड़ि जहाज को पच्छी, फिरि जहाज पै आवै।
कमल-नैन को छाँड़ि महातम, और देव कौं ध्यावै।
परम गंग को छाँड़ि पियासौ, दुरमति कूप खनावै
जिहिं मधुकर अंबुज-रस चाख्यौ, क्यों करील फल भावै।
सूरदास प्रभु कामधेनु तजि, छेरी कौन दुहावै ।
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Interpret the following lines
Where is happiness in my mind
Like a flying ship, then a ship arrives.
Kamal-Nain is bestowed with Chhatri Mahatam, and Dev Kaunya.
Pamasou chiding Param Gang, Dummati kup Khanavai
Jihin madhukar ambuj-ras chakhya, why curry fruit is Bhavai.
Surdas Prabhu Kamadhenu Taji, Chheri Kaun Duhawaye
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