1 नवाब साहब द्वारा बड़े मनोयोग से खीरा काटकर फ़िर सूंघकर बाहर फेंक देने के पीछे आप क्या वजह पाते हैं?
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➲ नवाब साहब द्वारा बड़े मनोयोग से खीरा काट कर फिर उसकी फांकें सूंघकर बाहर फेंक देने की उनकी हरकत उनके नवाबी ठसक को दर्शाती है। नवाब साहब ने बड़ी नजाकत और सलीके से खीर काटा फिर उस पर नमक मिर्च लगाया और फिर खीरे की फांको को खाया नहीं बल्कि सूंघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया। वो अपनी इस हरकत से यह जताना चाहते थे कि खीरा जैसी आम चीज को खाना नवाबों का काम नहीं है। हालाँकि ये उनकी दिखावट और पाखंड था, क्योंकि अगर उन्हे खीरा खाना ही नही होता तो वह अपने साथ नही लाते। दरअसल वो खीरा खाने को ही लाये थे लेकिन उसे अकेले में खाना चाहते थे। जब लेखक डिब्बे में आ गया तो उन्हे लेखक के सामने खीरा खाना अपनी तौहीन लगी।
इसीलिये उन्होंने लेखक के सामने खीरा न खाकर बस उसे काटकर और सूंघकर फेंक दिया ताकि लेखक के सामने उनकी दिखावटी नवाबी शान बनी रहे। इसीलिये उन्होंने जानबूझ कर ऐसी हरकत थी।
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