1) रानी के सामने धूर्ती की दाल ठशो क्यो नहीं गल पाती थी
@रानी के सामने धूर्तो की दाल नहीं गल पाती थी क्योंकि रानी राजकाज में उचित सलाह देती थी वह भी कामों को बड़ी सोच विचार कर करती थी।
2) राजकुमारी चौबोला का क्या प्रण था
@राजकुमारी चौबोला का प्रण था आदमी उसे शतरंज में हरा देगा वह उसी से विवाह करेगी।
3) रानी ने राजकुमारी चौबोला को किस खेल में हरा दीया
@रानी में राजकुमारी चौबोला को शतरंज के खेल में हरा दिया
4) राजा को क्या देखकर अंजभा हुआ
@राजा जब लौटकर अपने नगर में आए तो देखते क्या है कि रानी के मकान के पास पाठशाला अनाथालय औषधालय आदि कई इमारते बनी है इसे देखकर राजा अचंभित हो गए।
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1) रानी के सामने धूर्तो की दाल नहीं गल पाती थी क्योंकि रानी राजकाज में उचित सलाह देती थी वह भी कामों को बड़ी सोच विचार कर करती थी।
2) राजकुमारी चौबोला का प्रण था आदमी उसे शतरंज में हरा देगा वह उसी से विवाह करेगी।
3) रानी में राजकुमारी चौबोला को शतरंज के खेल में हरा दिया।
4) राजा जब लौटकर अपने नगर में आए तो देखते क्या है कि रानी के मकान के पास पाठशाला अनाथालय औषधालय आदि कई इमारते बनी है इसे देखकर राजा अचंभित हो गए।
Answer:
1) रानी के सामने धूर्तो की दाल नहीं गल पाती थी क्योंकि रानी राजकाज में उचित सलाह देती थी वह भी कामों को बड़ी सोच विचार कर करती थी।
2) राजकुमारी चौबोला का प्रण था आदमी उसे शतरंज में हरा देगा वह उसी से विवाह करेगी।
3) रानी में राजकुमारी चौबोला को शतरंज के खेल में हरा दिया।
4) राजा जब लौटकर अपने नगर में आए तो देखते क्या है कि रानी के मकान के पास पाठशाला अनाथालय औषधालय आदि कई इमारते बनी है इसे देखकर राजा अचंभित हो गए।
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