1 ऋतुएँ मानव-मन को कैसे प्रभावित करती हैं ?
2. हम ऋतुओं से क्या सीख सकते हैं?
Answers
1.
ऋतुयें मानव मन पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है। सावन के महीने में जब वर्षा ऋतु आती है तो मानव का मन उल्लासित हो जाता है। मोर-पपीहे की आवाजें चारों तरफ गूँजने लगती हैं, जो वातावरण को मधुरता से भर देती हैं। बारिश की रिमझिम बूँदे जब टप-टप करके धरती पर गिरती हैं, उन बूँदों की आवाज से मन प्रफुल्लित हो जाता है। बादल की गर्जना बड़ी प्यारी लगती है। उसी प्रकार वसंत ऋतु का आगमन भी मानव के जीवन में नये रंग भर देता है, उस समय फसलें पककर तैयारी हो चुकी होती हैं, और इस हर्ष की घड़ी में वसंत ऋतु का आगमन इस हर्ष के अवसर को दूना कर देता है। कड़कड़ाती शरद ऋतु के बाद हल्की ठंड के रूप में शिशिर ऋतु का अपना अलग ही आनंद है। हेमंत, शरद और ग्रीष्म ऋतुयें भी किसी न किसी रूप में मानव के मन पर प्रभाव डालती हैं। अतः ऋतुयें मानव मन पर गहरा प्रभाव डालती हैं, मानव का खान-पान, आचार-विचार, व्यवहार आदि ऋतुओं के अनुसार ही निर्धारित होता है।
2.
हम ऋतुओं से परिवर्तन के नियम सीख सकते हैं। हम ये सीख सकते हैं कि जीवन निरंतर परिवर्तनशील है। जैसे एक ऋतु आती है फिर दूसरी ऋतु आती है लेकिन हर ऋतु का अपना महत्व होता है। उसी प्रकार हमारा जीवन भी अनेक चरणों में बंटा हुआ है और हर एक चरण का अपना महत्व है। जैसे एक ऋतु के जाने के बाद हम दूसरी ऋतु का खुशी के साथ स्वागत करते हैं और उसकी सकारात्मकता को अपने अंदर आत्मसात करने की कोशिश करते हैं, उसी प्रकार हमें जीवन के प्रत्येक परिवर्तन को स्वीकार करना चाहिये और उसकी सकारात्मकता के साथ जीना चाहिये। ऋतुये हमें जीवन जीने की कला सिखाती हैं और जीवन की विविधता से परिचित कराती हैं।