1) स्कूल जाने के प्रति लेखक के मन में निराशा के भाव थे, परंतु धीरे-
धीरे स्कूल के प्रति उसका आकर्षण बढ़ने लगा, ऐसा कब संभव
हुआ? 'सपनों के-से दिन' पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
Answers
✎... ‘सपनों के से दिन’ पाठ के लेखक के अनुसार स्कूल जाना उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था परंतु फिर भी वे और उनके साथी स्कूल जाया करते थे क्योंकि उन्हें स्काउट की परेड में भाग लेना बेहद पसंद था। जब वे लोग हाथ में रंग-बिरंगे झंडे लेकर और गले में स्कार्फ बाँधकर स्काउट के टीचर द्वारा लेफ्ट-राइट बोलने पर लेफ्ट-राइट करते तो लेखक और उनके साथियों को बड़ा मजा आता। इस कारण वे खुशी-खुशी स्कूल जाने के लिए तैयार रहते। वे पढ़ाई के कारण नहीं बल्कि खेलकूद की गतिविधियों के कारण स्कूल जाना पसंद करते थे।
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