1. सत्संग का क्या अभिप्राय है?
2. संग का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
3. जल की बूंद के उदाहरण द्वारा नीच, मध्यम और उत्तम संगति
का परिणाम प्रकट करें।
4. कबीर के अनुसार सत्संग का प्रभाव प्रकट करें।
5. गोस्वामी तुलसीदासजी सत्संग के बारे में क्या कहते हैं?
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him/her .
Answers
1.सत्संग सत्संग (संस्कृत सत् = सत्य, संग= संगति) का अर्थ भारतीय दर्शन में है (1) "परम सत्य" की संगति, (2) गुरु की संगति, या (3) व्यक्तियों की ऐसी सभा की संगति जो सत्य सुनती है, सत्य की बात करती है और सत्य को आत्मसात् करती है।
2.व्यक्ति को जीवन में अच्छा सत्संग करना चाहिए जिससे व्यक्ति उन्नति के शिखर पर पहुंचे एक नया आयाम रच सके क्योंकि व्यक्ति जैसा सत्संग करता है वैसा उसके जीवन में प्रभाव पड़ता है। बुरे संगत करेगा तो बुरा प्रभाव पड़ेगा और और नीच कर्म करेगा तो बुरा बन जाएगा और कर्म करने लगेगा। इसलिए श्रीमद् भागवत महापुराण हमें यह शिक्षा देती है कि व्यक्ति को जीवन में अच्छे व्यक्ति का संग करना चाहिए
3.पथ्थर पानी में डूब जाता है पर कभी तैरता नहीं ।
मूर्ख ज्ञान की बातें सुनता है पर उसे कभी जीबन में अपनाता नही है।नीच की संगति आग के समान छोड़नी चाहिये ।जलने पर वह शरीर को जलाती
है और बुझने पर वह कालिख लगा देती है ।
4. Idk
5.idk
For answering the 4th and 5th question i need to know about ur class, subject chapter and topic.
Please mark me brainliest
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