1. "टघल-टघल के सुरुज झरत हे" इस पंक्ति का क्या आशय है?TelL me fast plz
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I'm not interrsestedubdundnrifnndunhrb7dnr
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यह कविता गर्मी के मौसम में तप रहे सीरज के बारे में लिखी है।
Explanation:
- कवी कहना चाहते है गर्मी के मौसम में बहोत ज्यादा पसीना बहता है और शरीर चिपचिपा बन जाता है।
- ऐसा लगता है मानो सूर्य के तप से आग सा जल रहा है। टप टप पसीना गिरता है और शरीर में से पानी कम होता है।
- बैचेनी सी होने लाती है ऐसे हालत में हमें अपने शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाई जाती है। सूरज मानो क्रोधित होकर आग बरसा रहा है।
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