Hindi, asked by rutikaher36, 1 year ago

1) देश की रक्षा-मेरा कर्तव्य', इसपर अपना मत स्पष्ट कीजिए।​

Answers

Answered by pushpagupta93715
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Explanation:

हमारी मातृभूमि हमारे देश के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि मन, कर्म एवं वचन से राष्ट्रहित के कार्य करें। आधुनिकता की दौड़ में हम सब अपने दायित्वों का पालन सही तरीके से करने से भूल जाते हैं। राष्ट्र के जो भी संसाधन हैं, चाहे प्रकृतिक हो अथवा कृत्रिम सभी का उचित ध्यान रखें। हम कोई भी ऐसा कार्य न करें,जिससे इन संसाधनों का दुरुपयोग हो।

जिम्मेदारी से होगा समृद्ध होगा राष्ट्र

-यदि हम सब राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखेंगे तो शीघ्र ही हमारा देश सबसे समृद्ध सबसे उन्नत राष्ट्र होगा। हमने नौकरी, व्यवसाय आदि के माध्यम से जो धन अर्जित किया है, उसमें कुछ अंश गरीब, जरूरतमंदों व देशहित में खर्च करना चाहिए। इससे मन को शांति मिलती है। हमें आगे आकर भूगर्भ जलस्तर बचाने और समाज के इसके प्रति जागृति फैलाने का काम भी बढ़-चढ़कर करना चाहिए। यहीं सच्चा राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व का निर्वहन

सभी को देशहित में काम करना चाहिए

-हमें अपने निजी व पारिवारिक दायित्व के साथ-साथ अपने देशहित में काम करना चाहिए। चाहे हम समाज के किसी वर्ग, किसी क्षेत्र में कार्य करते हों। हमें कर्तव्य पालन के साथ-साथ राष्ट्र के प्रति अपने सर्वोत्तम कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक होना चाहिए और अन्य साथियों को भी जागरूक करना चाहिए। हमें समय निकालकर राष्ट्रीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर देश सेवा में कदमताल करना चाहिए।

राष्ट्र के प्रति दायित्व को समझें

-शिक्षा हमें इस योग्य बनाती है कि हम राष्ट्रहित एवं राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को समझ सकें और उनका निर्वाहन कर सकें। विद्यार्थी के रूप में भी हम साफ-सफाई, पौधारोपण, प्रौढ़ शिक्षा, ग्रामीण शिक्षा में अपना योगदान देकर देश सेवा कर सकते

पूरी निष्ठा से जिम्मेदारी को निभाएं

विद्यार्थी के रूप में हम पूरी निष्ठा व जिम्मेदारी से अपने दायित्व यानी पढ़ाई का भरपूर प्रयास कर रहे हैं ताकि आगे चलकर किसी भी क्षेत्र में कार्य कर देश का नाम रोशन कर सकें। ऐसी प्रेरणा हमें विद्यालय के शिक्षकों व महापुरुष के जीवन से प्राप्त ह

अपने देश पर अभिमान होना चाहिए

जिस को अपने देश से प्यार और अभिमान है, वह देश के प्रति अपने दायित्वों का पूरी तरह अनुपालन करता है और उसका महत्व जानता है। हमें ऐसी शिक्षा विद्यालय से मिलती है कि बाहर जाकर हम उसका पूरी निष्ठा से साथ पालन करते हैं।

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