10 अधोलिखित पदानां विभक्ति वचनं च लिखत
पशुभिः
लताभ्याम्
एकत्यना
नगरेषु
11 अधोलिखित पदानां लकार पुरूष वचनं च लिखत
आसीत्
टिळवचट
त्यज् =
12 अधोलिखित पदानां समास विग्रहं कुरूत
माता पितरौ
मन्दबुद्धिः
सप्ताहे
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संस्कृत में संबोधन को छोड़कर सात विभक्तियां , 3 लिंग एवं तीन वचन होते हैं ।
•संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
•लिंग : संस्कृत भाषा में 3 लिंग होते हैं। सामान्यता पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग में , स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द स्त्रीलिंग में तथा अन्य शब्द नपुसंकलिंग में होते हैं।
•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।
•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।
उत्तराणि :
१. पदानि - धूलिम्
लिङ्गम् - स्त्रीलिङ्गम्
विभक्ति: - द्वितीया:
वचनम् - एकवचनम्
२.पदानि - नाम्नि
लिङ्गम् - नपुसंकलिङ्गम्
विभक्ति: - सप्तमी
वचनम् -एकवचनम्
३.पदानि - अपर:
लिङ्गम् - पुँल्लिङ्गम्
विभक्ति: - प्रथमा
वचनम् - एकवचनम्
४.पदानि - कन्यानाम्
लिङ्गम् - स्त्रीलिङ्गम्
विभक्ति: - षष्ठी
वचनम् - बहुवचनम्
५.पदानि - सहभागिताम्
लिङ्गम् - स्त्रीलिङ्गम्
विभक्ति: -द्वितीया
वचनम् - एकवचनम्
६.पदानि - नापितै:
लिङ्गम् - पुँल्लिङ्गम्
विभक्ति: -तृतीया
वचनम् - बहुवचनम्
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