10 kg द्रव्यमान तथा 15 cm त्रिज्या का कोई सिलिंडर किसी झुकाव के समतल पर परिशुद्धत: लोटनिक गति कर रहा है । स्थैतिक घर्षण गुणांक = 0.25 है ।
(a) सिलिंडर पर कितना घर्षण बल कार्यरत है ?
(b) लोटन की अवधि में घर्षण के विरुद्ध कितना कार्य किया जाता है ?
(c) यदि समतल के झुकाव में वृद्धि कर दी जाए तो के किस मान पर सिलिंडर परिशुद्धत: लोटनिक गति करने की बजाय फिसलना आरंभ कर देगा ?
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लोटनिक गति कर रहे सिलिंडर के लिए विभिन्न अवस्थाओं में घर्षण बल की गणना करना।
Explanation:
सिलिंडर का द्रव्यमान m = 10 Kg ,त्रिज्या r = 15 cm = 0.15 m
समतल का झुकाव ∅ = 30° , स्थैतिक घर्षण गुणांक u = 0.25
(a) घर्षण बल = mgsin∅/(1 + mr²/I)
I = mr²/2
Fr = mgsin∅/3= 10 × 9.8 × 1/2 × 1/3 = 16.3 N
(b) घर्षण बल विस्थापन के लम्बवत कार्य कर रहा है इसलिए लुढ़कने के विपरीत किया गया कुल कार्य शुन्य होगा।
W = Fscos90° = 0
(c) u = tan∅/( 1 + mr²/I)
सिलेंडर के लिए
u = tan∅/3
tan∅ = 3u = 3×0.25 = 0.75 =
∅ = 36°87 पर सिलिंडर परिशुद्धत: लोटनिक गति करने की बजाय फिसलना आरंभ कर देगा।
विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है?
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