Hindi, asked by shanvisinha1212, 9 days ago

10 lines on the topicपहले अपना हित सोचना अथवा सबका


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Answered by Sarahcosta
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this is your answer

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Answered by 10anamikagandhi2020
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Explanation:

सभी को स्वार्थ से दूर रहना चाहिए । परन्तु ऐसा होता नहीं है। फिर भी दुनियां में ऐसे बहुत से इंसान होते हैं । जो बिना स्वार्थ के कर्म करते हैं । जिनके आधार पर दुनियां में स्वर्ग होता है । यही जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । अब आये विचारों को देखते हैं : -

दुनिया में कोई भी व्यक्ति बिना स्वार्थ के नहीं जी सकता। यहां हर व्यक्ति स्वार्थी है। हर व्यक्ति स्वार्थी है का मतलब यह नहीं है कि हर व्यक्ति बुरा है। हमें यह समझना होगा कि आखिर स्वार्थ की परिभाषा क्या है ? एक स्वार्थ ऐसा होता है जिसमें लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं और वही काम करते हैं, जिसमें उनको फायदा हो। तब ऐसा व्यक्ति सामने वाले को दुख पहुंचाने, कष्ट पहुंचाने, हानि पहुंचाने से भी पीछे नहीं हटता है। ऐसा व्यक्ति स्वार्थी होता है और ऐसे व्यक्ति के अंदर स्वाद कूट-कूट कर भरा होता है। अब बात करते हैं दूसरे प्रकार के स्वार्थ की, जिसके अंतर्गत ऐसे भी लोग हैं, जिनमें हम लोग दूसरे को मदद करते हैं। दूसरे का भला करते हैं। अपने अलावा अपने आसपास के हर व्यक्ति के बारे में अच्छा सोचते हैं, लेकिन इसके पीछे भी स्वार्थ छिपा रहता है। हम दूसरे के साथ अच्छा इसलिए करते हैं, ताकि हमारे जीवन में बाधा ना आए। ऐसे व्यक्ति ' कर भला तो हो भला' पर विश्वास करता है और उसी मार्ग पर चलता है। अपनी परिवार की सलामती अपने उज्जवल भविष्य के लिए दूसरों की सेवा करता है। यह भी स्वार्थ का एक प्रकार है। स्वार्थ देना कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को आगे नहीं बढ़ा सकते। अपना जीवन स्वार्थ से दूर रखना चाहिए, ऐसा दूर-दूर तक संभव नहीं दिखता है। मनुष्य इच्छाओं का पुतला है। उसकी व्यवहारिक जीवन में अनेकों आकांक्षाएं उठा करते हैं। मनुष्य में स्वार्थ की पूर्ण परिवार और यश की अनेकों कामनाएं होती है। इसमें अलग-अलग विभिन्न प्रकार के काल्पनिक चित्र मस्तिक में बनते बिगड़ते रहते हैं। जैसे ही कोई स्थिर हुई की मानसिक शक्ति तथा उसकी पूर्ति में जुट जाती है। सही दिशा में काम करने लग जाती है। संसार के विभिन्न गतिविधियों और भौतिक अथवा अध्यात्मिक इच्छाओं की भूमि पर निर्मित होता है।रचनात्मक कदम तो पीछे का है पहले तो सारी योजनाओं को घोषित करने का श्रेय इन्हीं इच्छाओ का है। इसलिए बिना स्वार्थ का कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को नहीं जा सकता है। हर व्यक्ति में स्वार्थ छुपा रहता है।

Hope it helps you :)

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