10 muhavre ,10 lokoktiyan likhiye
Answers
मुहावरे -
1. अंक में समेटना–(गोद में लेना, आलिंगनबद्ध करना)
शिशु को रोता हुआ देखकर माँ का हृदय करुणा से भर आया और उसने उसे अंक में समेटकर चुप किया।
2. अंकुश लगाना–(पाबन्दी या रोक लगाना)
राजेश खर्चीला लड़का था। अब उसके पिता ने उसका जेब खर्च बन्द
करके उसकी फ़िजूलखर्ची पर अंकुश लगा दिया है।
3. अंग बन जाना–(सदस्य बनना या हो जाना)
घर के नौकर रामू से अनेक बार भेंट होने के पश्चात् एक अतिथि ने कहा, “रामू तुम्हें इस घर में नौकरी करते हुए काफी दिन हो गए हैं, ऐसा लगता .. कि जैसे तुम भी इस घर के अंग बन गए हो।”
4. अंग–अंग ढीला होना–(बहुत थक जाना)
सारा दिन काम करते करते, आज अंग–अंग ढीला हो गया है।
5. अण्डा सेना–(घर में बैठकर अपना समय नष्ट करना)
निकम्मे ओमदत्त की पत्नी ने उसे घर में पड़े देखकर एक दिन कह ही दिया, “यहीं लेटे–लेटे अण्डे सेते रहोगे या कुछ कमाओगे भी।”
6. अंगूठा दिखाना–(इनकार करना)
आज हम हरीश के घर ₹10 माँगने गए, तो उसने अँगूठा दिखा दिया।
7. अन्धे की लकड़ी–(एक मात्र सहारा)
राकेश अपने माँ–बाप के लिए अन्धे की लकड़ी के समान है।
8. अंन्धे के हाथ बटेर लगना–(अनायास ही मिलना)
राजेश हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम आया, उसके लिए तो अन्धे के हाथ बटेर लग गई।
9. अन्न–जल उठना–(प्रस्थान करना, एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले
जाना) रिटायर होने पर प्रोफेसर साहब ने कहा, “लगता है बच्चों, अब तो यहाँ से हमारा अन्न–जल उठ ही गया है। हमें अपने गाँव जाना पड़ेगा।”
10. अक्ल के अन्धे–(मूर्ख, बुद्धिहीन)
“सुधीर साइन्स (साइड) के विषयों में अच्छी पढ़ाई कर रहा था, मगर उस अक्ल के अन्धे ने इतनी अच्छी साइड क्यों बदल दी ?” सुधीर के एक मित्र ने उसके बड़े भाई से पूछा।
लोकोकतियों -
1 - अंधों में काना राजा – मूर्खों में कुछ पढ़ा-लिखा व्यक्ति
2 - अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता – अकेला आदमी लाचार होता है
3 - अधजल गगरी छलकत जाय – डींग हाँकना
4 - आँख का अँधा नाम नयनसुख – गुण के विरुद्ध नाम होना
5 - आँख के अंधे गाँठ के पूरे – मुर्ख परन्तु धनवान
6 - आग लागंते झोपड़ा, जो निकले सो लाभ – नुकसान होते समय जो बच जाए वही लाभ है
7 - आगे नाथ न पीछे पगही – किसी तरह की जिम्मेदारी न होना
8 - आम के आम गुठलियों के दाम – अधिक लाभ
9 - ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डरे – काम करने पर उतारू
10 - ऊँची दुकान फीका पकवान – केवल बाह्य प्रदर्शन