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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पंडित अलोपीदीन का लक्ष्मी जी पर अखड विश्वास था। वह कहा करते थे कि संसार का तो कहना ही क्या, स्वर्ग में भी
का ही राज्य है। उनका यह कहना यथार्थ ही था। न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं, इन्हें वह जैसे चाहती हैं.
हैं। लेटे-ही-लेटे गर्व से बोले-चलो, हम आते हैं। यह कहकर पंडित जी ने बड़ी निश्चितता से पान के बीडे लगाकर खाए, फि
लिहाफ़ ओढ़े हुए दारोगा के पास आकर बोले-बाबू जी, आशीर्वाद! कहिए, हमसे ऐसा कौन-सा अपराध हुआ कि गाड़ियां
गई। हम ब्राह्मणों पर तो आपकी कृपा-दृष्टि रहनी चाहिए। वंशीधर रुखाई से बोले-सरकारी हुक्म!
i. यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
ii. लक्ष्मी जी के बारे में पंडित जी का क्या विश्वास था?
iii. गाड़ी पकड़ जाने की खबर पर उनकी व्या प्रतिक्रिया थी और क्यों?
iv. वंशीधर की रुखाई का क्या कारण था?
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