Hindi, asked by pala9224, 1 year ago

10 points on child labour in hindi

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Answered by rmb3029
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बाल मजदूरी निबंध 1 (100 शब्द)

किसी भी क्षेत्र में बच्चों द्वारा अपने बचपन में दी गई सेवा को बाल मजदूरी कहते है। इसे गैर-जिम्मेदार माता-पिता की वजह से, या कम लागत में निवेश पर अपने फायदे को बढ़ाने के लिये मालिकों द्वारा जबरजस्ती बनाए गए दबाव की वजह से जीवन जीने के लिये जरुरी संसाधनों की कमी के चलते ये बच्चों द्वारा स्वत: किया जाता है, इसका कारण मायने नहीं रखता क्योंकि सभी कारकों की वजह से बच्चे बिना बचपन के अपना जीवन जीने को मजबूर होते है। बचपन सभी के जीवन में विशेष और सबसे खुशी का पल होता है जिसमें बच्चे प्रकृति, प्रियजनों और अपने माता-पिता से जीवन जीने का तरीका सीखते है। सामाजिक, बौद्धिक, शारीरिक, और मानसिक सभी दृष्टीकोण से बाल मजदूरी बच्चों की वृद्धि और विकास में अवरोध का काम करता है।



बाल मजदूरी निबंध 2 (150 शब्द)

बाल मजदूरी बच्चों से लिया जाने वाला काम है जो किसी भी क्षेत्र में उनके मालिकों द्वारा करवाया जाता है। ये एक दबावपूर्णं व्यवहार है जो अभिवावक या मालिकों द्वारा किया जाता है। बचपन सभी बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है जो माता-पिता के प्यार और देख-रेख में सभी को मिलना चाहिए, ये गैरकानूनी कृत्य बच्चों को बड़ों की तरह जीने पर मजबूर करता है। इसके कारण बच्चों के जीवन में कई सारी जरुरी चीजों की कमी हो जाती है जैसे- उचित शारीरिक वृद्धि और विकास, दिमाग का अनुपयुक्त विकास, सामाजिक और बौद्धिक रुप से अस्वास्थ्यकर आदि।

इसकी वजह से बच्चे बचपन के प्यारे लम्हों से दूर हो जाते है, जो हर एक के जीवन का सबसे यादगार और खुशनुमा पल होता है। ये किसी बच्चे के नियमित स्कूल जाने की क्षमता को बाधित करता है जो इन्हें समाजिक रुप से देश का खतरनाक और नुकसान दायक नागरिक बनाता है। बाल मजदूरी को पूरी तरह से रोकने के लिये ढ़ेरों नियम-कानून बनाने के बावजूद भी ये गैर-कानूनी कृत्य दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है।

बाल मजदूरी निबंध 3 (200 शब्द)

बाल मजदूरी भारत में बड़ा सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है जिसे नियमित आधार पर हल करना चाहिए। ये केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि इसे सभी सामाजिक संगठनों, मालिकों, और अभिभावकों द्वारा भी समाधित करना चाहिए। ये मुद्दा सभी के लिये है जोकि व्यक्तिगत तौर पर सुलझाना चाहिए, क्योंकि ये किसी के भी बच्चे के साथ हो सकता है।

भयंकर गरीबी और खराब स्कूली मौके की वजह से बहुत सारे विकासशील देशों में बाल मजदूरी बेहद आम बात है। बाल मजदूरी की उच्च दर अभी भी 50 प्रतिशत से अधिक है जिसमें 5 से 14 साल तक के बच्चे विकासशील देशों में काम कर रहे है। कृषि क्षेत्र में बाल मजदूरी की दर सबसे उच्च है जो ज्यादातर ग्रामीण और अनियमित शहरी अर्थव्यवस्था में दिखाई देती है जहाँ कि अधिकतर बच्चे अपने दोस्तों के साथ खेलने और स्कूल भेजने के बजाए प्रमुखता से अपने माता-पिता के द्वारा कृषि कार्यों में लगाये गये है।

बाल मजदूरी का मुद्दा अब अंतर्राष्ट्रीय हो चुका है क्योंकि देश के विकास और वृद्धि में ये बड़े तौर पर बाधक बन चुका है। स्वस्थ बच्चे किसी भी देश के लिये उज्जवल भविष्य और शक्ति होते है अत: बाल मजदूरी बच्चे के साथ ही देश के भविष्य को भी नुकसान, खराब तथा बरबाद कर रहा है।

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Answered by 282720031002
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बाल मजदूरी को दूर और रोकने के लिए पुरे विश्व भर में मुहीम छिड़ चूका है। बाल मजदूरी किसी भी देश के समाज के लिए एक अभिशाप बन गया है क्योंकि इससें बच्चों का भविष्य खराब होता है। बाल श्रम एक बहुत बड़ा कारण है जिसके कारण आज विश्व में कई देश विकसित नहीं हो पा रहे हैं। बच्चे ही भविष्य को और बेहतर और नई ऊँचाइयों पर ले कर जायेंगे और यही बच्चे अगर छोटी उम्र में शिक्षा के बजाय लोगों के घर और दुकानों में काम करने लगेंगे तो देश कैसे उन्नत करेगा।

भारतीय कानून के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी कारखाने, ऑफ़िस या होटल में काम करवाना क़ानूनन अपराध है। यहाँ तक की भारत में आज भी ज्यादातर जगहों में बाल मजदूरी कराया जा रहा है जिसके कारण बच्चे अशिक्षित रह जा रहे हैं और इस प्रकार मानवाधिकार का उल्लंघन बार-बार हो रहा है। आज भी कई प्रकार के नए नियम और कानून निकलने पर भी बाल मजदूरी भारत में कई छोटे व्यापार, होटल, साफ़-सफाई, दुकानों में हो रहा है। यह बहुत ही शर्म की बात है क्योंकि बाल मजदूरी के कारण ही समाज में असाक्षरता, बेरोज़गारी और गरीबी को दूर करना और मुश्किल होते जा रहा है।

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