10. सजा सहज सितार सुनी मैंने वह नहीं जो सुनी
थी झंकार। एक क्षण के बाद वह कांपी सुघर
ढुलक माथे से गिरे सीकर, लीन होते कर्म में फिर
ज्यों कहा-- 'मैं तोड़ती पत्थर ' उपर्युक्त पद्यांश में
'सजा सहज सितार ,सुनी मैंने वह नहीं जो सुनी थी
झंकार क्या है ?*
O मधुर संगीत
O औरत की दुःख भरी कहानी
भयावह बात
O खुशखबरी
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Answer:
Madhur sangit
Explanation:
Iska answer hai madhu sangit.
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