10 th class hindhi eeidh gaah lesson abhivyakti -- srujanatmakatha
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ans.= हमारे मानव जीवन में बडे – बुजुर्गों के प्रति आदर, श्रद्धा और स्नेह भावनाओं का बड़ा महत्व है। बडे – बुज़ुर्ग लोग हमारे जीवनदाता और हमारे सुखमय जीवन के मूल स्तंभ हैं। खासकर हमारी आमूल्य भारतीय संस्कृति हमें सुसंस्कार सिखाती है। बडे – बुज़ुर्ग लोग अनेक कष्ट – सुख झेलकर हमें सुख जीवन बिताने के योग्य बनाते हैं। वे बड़े अनुभवी और कर्तव्य परायण होते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण बडे बुजुर्गों का ख्याल रखना, आदर देते उनकी सेवा करना हमारा धर्म और कर्तव्य है। वे हमारे जीवन के मार्गदर्शक हैं।
वे बूढे होकर काम नहीं कर सकते हैं। ऐसी हालत में हमें आदर के साथ उनकी सहायता करनी चाहिए। उनकी हर आवश्यकता की पूर्ति अपना भाग्य और कर्तव्य समझना है। वे संतुष्ट होकर जो आशीश हमें देते हैं। वे बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली होते हैं। उनके बताये अनुभव हमारे सुखमय जीवन के सोपान हैं। हमारे आदर और श्रद्धापूर्ण कार्यों से उनको नयी शक्ति मिलती है। वे कष्टदायी बुढापे को भी हँसते बिता सकते हैं। बड़ों का आदर करना हमारा कर्तव्य है। आज के बालक कल के नागरिक बनते हैं। उनमें भी बडे – बुज़ुर्गों के प्रति आदर – श्रद्धा ,स्नेह भावनाएँ जगानी चाहिए।
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