10 th. class in hindi essay
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स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अचानक राजकीय प्रयोजनों के लिए हिंदी का प्रयोग कर पाना व्यवहारिक रुप से संभव नहींथा, इसलिए वर्ष 1950 में संविधान के लागू होने के बाद से अंग्रेजी के प्रयोग के लिए 15 वर्षों का समय दिया गयाऔर यह तय किया गया कि इन 15 वर्षों में हिंदी का विकास कर इसे राजकीय प्रयोजनों के उपयुक्त कर दियाजाएगा, किंतु यह 15 वर्ष पूरे होने के पहले ही हिंदी को राजभाषा बनाए जाने का दक्षिण भारत के कुछ स्वार्थीराजनीतिज्ञों ने व्यापक विरोध करना प्रारंभ कर दिया| देश की सर्वमान्य भाषा हिंदी को क्षेत्रीय लाभ उठाने के ध्येय सेविवादों में घसीट लेने को किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता|
भारत में अनेक भाषा-भाषी लोग रहते हैं| भाषाओं की बहुलता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि भारत केसंविधान में ही 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त| हिंदी, भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है और बांग्ला भाषादूसरे स्थान पर विराजमान है| इसी तरह पहाड़ी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, इत्यादि भाषाएँ बोलनेवालों की संख्या भी काफी है| भाषाओं की बहुलता के कारण भाषायी वर्चस्व की राजनीति ने भाषावाद का रूपधारण कर लिया है| इसी भाषावाद की लड़ाई में हिंदी को नुकसान उठाना पड़ रहा है और स्वार्थी राजनीतिज्ञ इसकोइसका वास्तविक सम्मान दिए जाने का विरोध करते रहे हैं|
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भारत में अनेक भाषा-भाषी लोग रहते हैं| भाषाओं की बहुलता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि भारत केसंविधान में ही 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त| हिंदी, भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है और बांग्ला भाषादूसरे स्थान पर विराजमान है| इसी तरह पहाड़ी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, इत्यादि भाषाएँ बोलनेवालों की संख्या भी काफी है| भाषाओं की बहुलता के कारण भाषायी वर्चस्व की राजनीति ने भाषावाद का रूपधारण कर लिया है| इसी भाषावाद की लड़ाई में हिंदी को नुकसान उठाना पड़ रहा है और स्वार्थी राजनीतिज्ञ इसकोइसका वास्तविक सम्मान दिए जाने का विरोध करते रहे हैं|
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which subject?????????
ranjeet51:
what
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