100 एएमयू में हिलियम के कितने परमाणु होंगे
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मोल:- किसी पदार्थ की उस मात्रा को, जिसमें पदार्थ के मूल कणों (परमाणु, अणु या आयन) की उतनी संख्या होती है जितनी कार्बन-12 समस्थानिक के 0.012 किग्रा या 12 ग्राम में परमाणुओं की संख्या होती है, मोल (Mole) कहते हैं। (चिह्न: mol) एक SI मूल इकाई है, जो पदार्थ की मात्रा का मापन करता है। यह एक गण्य इकाई है। एक मोल में एवोगाद्रो संख्या के बराबर (लगभग 6.02214×1023) परमाणु, अणु, अन्य आरम्भिक कण होते हैं।[1] एक मोल पदार्थ का ग्राम में भार, उस पदार्थ के एक परमाणु/अणु के AMU में भार की संख्या के बराबर होता है। उदाहरण के लिये, 2
१ मोल (mol) ऑक्सीजन (O2) अणु का भार लगभग 32 ग्राम होता है, जबकि 1 अणु ऑक्सीजन बराबर होती है 16 AMU के।
एक मोल होता है, जैसे एक दर्जन, जिसमें दोनों ही विशुद्ध संख्याएं हैं, जिनमें कोई भी इकाई नहीं है। यह किसी भी प्रकर के मूलभूत पदार्थ की व्याख्या कर सकता है, (पदार्थ जो परमाणु से बना हो)। मोल का प्रयोग केवल आण्विक्, परमाण्विक और अन्तर-आण्विक कणों के मापन तक ही सीमित है। इसका परिमाण और अन्य पारम्परिक प्रयोग इसे अन्य प्रयोगों हेतु अव्यवहारिक बना देते हैं।
व्यवहार में हम पदार्थ की मात्रा को प्रायः ग्राम-मोल में मापते हैं, जो कि उस पदार्थ की उस मात्रा के बराबर है, जिसका भार ग्राम में उसके सूत्र भार के बराबर है। अतः एक ग्राम-मोल कार्बन का भार है 12 ग्राम्, जबकि एक ग्राम-मोल जल क भार है 18.016 ग्राम। इसमें गण्य अस्तित्व एक परमाणु कार्बन में, या एक अणु जल (H2O में, आण्विक सूत्र भार = 2 H परमाणु + 1 O परमाणु ≈18)।
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