100 words essay on Shivratri in hindi
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फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन शिव-रात्रि का यह पर्व बहुत ही धूम-धाम से पूरे भारत देश में मनाया जाता है. इतिहास के शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि जब सृष्टि का प्रारंभ होने वाला था तो इसी दिन मध्य-रात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतार हुआ था.
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है ?
एक बार ऐसा हुआ था की शिव रात्रि के दिन प्रदोष के वक्त भगवान शिव तांडव कर रहे थे और तांडव करते हुए ही उन्होंने ब्रह्मांड को अपनी तीसरे नेत्र की ज्वाला से विश्व को समाप्त कर देते. इसलिए इसी दिन को महा शिवरात्रि अथवा कालरात्रि के रूप से मनाया जाता है.
कई जगह पर तो यह चर्चा भी होती है की इसी दिन भगवान शिव का विवाह भी हुआ था. तीनों भुवनों की अपार सुन्दरी और शीलवती गैरों को अर्धांगिनी बनाने वाले भगवान शिवजी प्रेतों व पिशाचों के बीच घिरे रहते हैं.
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हमारा देश भारत त्योहारों का देश है | यहाँ सभी त्योहार मनाए जाते हैं | महाशिवरात्रि हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से यह त्योहार प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को अर्थात अमावस्या से एक दिन पहले वाली रात को मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही लोग जल से तथा दूध से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं | जहाँ तक हो सके लोग गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराते हैं | कुछ लोग दूध, दही, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण से भी स्नान कराते हैं | फिर उन पर चंदन लगाकर उन्हें फूल, बेल के पत्ते अर्पित किये जाते हैं | धूप और दीप से भगवान शिव का पूजन किया जाता है | भगवान शिव को बेल के पत्ते अतिप्रिय है | इसलिए लोग उन्हें बेलपत्र अर्पण करते हैं | महाशिवरात्रि को रात्री जागरण का भी विधान है | लोग शिवमंदिरों में अथवा घरों में पूरी-पूरी रात जागकर भगवान शिव की आराधना करते हैं | कई लोग इस दिन शरीर और मन को पवित्र करने के लिए उपवास भी रखते हैं | कुछ लोग निर्जल रहकर भी उपवास करते हैं | कई जगह भगवान शिव की बारात भी निकाली जाती है |
हमारे देश का हर त्योहार हमें इकट्ठा होनें, खुशियाँ बाँटने, और समाज के हित में कुछ करने का मौका देता है | हमें चाहिए कि महाशिवरात्रि के दिन भी हम समाज के हित के लिए अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ अवश्य करे | परहित में किये गए यह सारे कर्म, हमें भगवान के ज्यादा करीब ले जाते हैं ।