10th-Hindi-
Plz answer these questions.....It's important.....
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for the 1st one:
बाल मजदूरी के स्लोगन – आज के दौर में बाल मजदूरी हमारे और हमारे समाज के बीच में एक बड़ी परेशानी बन कर उभर रहा हैं. बाल मजदूरी एक ऐसा कलंक हैं जिसे इस समाज से जितनी जल्दी हो सके मिटा देना ही अच्छा हैं. किसी देश में कितनी बाल मजदुर हैं इससे पता चलता हैं की उस देश का विकास किस दिशा में हो रहा हैं. यहाँ हम बहुत ही सरल हिंदी भाषा में बाल मजदूरी के slogans का संग्रह लेकर आएं हैं.
बच्चे हैं भगवान स्वरुप, श्रम करवाना नहीं अनुरूप ।
Har shoshit balak bharat ke bhavishya ke dor ki ek kamzor kadi hai.
अभी तो हमको करनी हैं पढाई, मत करवाओ हमसे कसरत और कमाई.
किसी भी क्षेत्र में बच्चों द्वारा अपने बचपन में दी गई सेवा को बाल मजदूरी कहते है। इसे गैर-जिम्मेदार माता-पिता की वजह से, या कम लागत में निवेश पर अपने फायदे को बढ़ाने के लिये मालिकों द्वारा जबरजस्ती बनाए गए दबाव की वजह से जीवन जीने के लिये जरुरी संसाधनों की कमी के चलते ये बच्चों द्वारा स्वत: किया जाता है, इसका कारण मायने नहीं रखता क्योंकि सभी कारकों की वजह से बच्चे बिना बचपन के अपना जीवन जीने को मजबूर होते है। बचपन सभी के जीवन में विशेष और सबसे खुशी का पल होता है जिसमें बच्चे प्रकृति, प्रियजनों और अपने माता-पिता से जीवन जीने का तरीका सीखते है। सामाजिक, बौद्धिक, शारीरिक, और मानसिक सभी दृष्टीकोण से बाल मजदूरी बच्चों की वृद्धि और विकास में अवरोध का काम करता है।
Bacho Se Mat Bal Shram Karwao,
Nanhe Hathon Ko Na Dukh Pahuchao. माता पिता दुश्मन बन जाते हैं, जब वो नन्हे हाथो से काम करवाते हैं.बाल व्यापार की रोक थाम, हम सब मिल करे ये काम.
बाल मजदूरी के स्लोगन – आज के दौर में बाल मजदूरी हमारे और हमारे समाज के बीच में एक बड़ी परेशानी बन कर उभर रहा हैं. बाल मजदूरी एक ऐसा कलंक हैं जिसे इस समाज से जितनी जल्दी हो सके मिटा देना ही अच्छा हैं. किसी देश में कितनी बाल मजदुर हैं इससे पता चलता हैं की उस देश का विकास किस दिशा में हो रहा हैं. यहाँ हम बहुत ही सरल हिंदी भाषा में बाल मजदूरी के slogans का संग्रह लेकर आएं हैं.
बच्चे हैं भगवान स्वरुप, श्रम करवाना नहीं अनुरूप ।
Har shoshit balak bharat ke bhavishya ke dor ki ek kamzor kadi hai.
अभी तो हमको करनी हैं पढाई, मत करवाओ हमसे कसरत और कमाई.
किसी भी क्षेत्र में बच्चों द्वारा अपने बचपन में दी गई सेवा को बाल मजदूरी कहते है। इसे गैर-जिम्मेदार माता-पिता की वजह से, या कम लागत में निवेश पर अपने फायदे को बढ़ाने के लिये मालिकों द्वारा जबरजस्ती बनाए गए दबाव की वजह से जीवन जीने के लिये जरुरी संसाधनों की कमी के चलते ये बच्चों द्वारा स्वत: किया जाता है, इसका कारण मायने नहीं रखता क्योंकि सभी कारकों की वजह से बच्चे बिना बचपन के अपना जीवन जीने को मजबूर होते है। बचपन सभी के जीवन में विशेष और सबसे खुशी का पल होता है जिसमें बच्चे प्रकृति, प्रियजनों और अपने माता-पिता से जीवन जीने का तरीका सीखते है। सामाजिक, बौद्धिक, शारीरिक, और मानसिक सभी दृष्टीकोण से बाल मजदूरी बच्चों की वृद्धि और विकास में अवरोध का काम करता है।
Bacho Se Mat Bal Shram Karwao,
Nanhe Hathon Ko Na Dukh Pahuchao. माता पिता दुश्मन बन जाते हैं, जब वो नन्हे हाथो से काम करवाते हैं.बाल व्यापार की रोक थाम, हम सब मिल करे ये काम.
Akhilkumar01:
Thanks
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