11. (क) नाभिकीय ऊर्जा का उल्लेख करते हुए इसके गुण एवं दोष बताइए।
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नाभिकीय ऊर्जा से तात्पर्य उस ऊर्जा से होता है जब कुछ परमाणुओं को निम्नऊर्जा स्तर से तोड़ा जाता है, उच्च मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है, ये ऊर्जा नाभिकीय ऊर्जा कहलाती है। परमाणु जैसे थोरियम और प्लूटोनियन आदि को तोड़ने पर विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है।
नाभिकीय ऊर्जा के गुण व दोष इस प्रकार हैं,
गुण...
- नाभिकीय ऊर्जा नाभिकीय ऊर्जा जब उत्पन्न होती है, तो वह विशाल मात्रा में उत्पन्न होती है इसलिए यह उच्च ऊर्जा का स्रोत है।
- नाभिकीय ऊर्जा प्रदूषण कम फैलाती है।
- नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में कम लागत लगती है।
- नाभिकीय ऊर्जा का उत्पादन स्थाई आधार पर होता है।
दोष...
- नाभिकीय ऊर्जा विशाल मात्रा में उत्पन्न होने के कारण इस पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है।
- नाभिकीय जीव जंतुओं, प्राणियों के लिए नुकसानदायक होती है।
- नाभिकीय उर्जा यदि अनियंत्रित हो जाए तो यह काफी विशाल मात्रा पर विनाश फैला सकती है।
- नाभिकीय ऊर्जा का संचय करने में बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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