Hindi, asked by manishlodhi996, 3 months ago

11. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए- "मियाँ नसीरुद्दीन ने आँखों के कंचे हम पर फेंक दिए। फिर तररेकर बोल- क्या मतलब है? पूछिए साहब- नानबाई इल्म लेने कहीं और जाएगा? क्या नगीनासाज के पास? क्या आईनास के पास? क्या मीना साज के पास? या रफूगर, रंगरेज या तेली-तबोली से सीखने जाएगा? क्या फरमा दिया साहब यह तो हमारा खानदानी पेशा ठहरा। हाँ, इल्म की बात पूछिए तो जो कुछ भी सीखा, अपने वालिद उस्ताद से ही। मतलब यह कि हम घर से न निकले कि कोई पेशा आख्तियार करेंगे। जो बाप-दादा का हुनर था वही उनसे पाया और वालिद मरइम के उठ जाने पर आ बैठे उन्ही के ठीये पर।" (क) नसीरुद्दीन के खानदान का पेशा क्या था? उसने अपनी आजीविका के लिए कौन-सा धंधा अपनाया? (अंक 2) (ख) नसीरुद्दीन ने नानबाई का धंधा किससे सीखा? (अंक 2) (ग) उक्त गद्यान के आधार पर कुछ खानदानी धधों के नाम गिनाइये। (अक 2) poft .नसरुद्दीन नसरु द्दीन ने नाना बाई का धंधा कैसे सीखा ​

Answers

Answered by renu0802dh
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Answer:

(क) नसीरुद्दीन का खानदानी पेशा नानबाई का था , इसलिए उसने अपने बाप - दादा का धंधा ही आजीविका के लिए चुना।

(ख) नसीरुद्दीन ने नानबाइ का धंधा अपने उस्ताद वालिद (पिता) से सीखा था।

(ग) गद्यांश के आधार पर नगीनासाज़ (जौहरी) , मीनासाज , आईनासाज, रफूगर , रंगरेज एवं तेली आदि खानदानी धंधे हैं।

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