Hindi, asked by amanpreetk413, 10 months ago

11th question plzzzzzzz​

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Answered by silvermist101
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here's your answer mate....

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Answered by aadilawadh
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प्रशन :- रैदास अपने पदों द्वारा हमें क्या संदेश देते हैं?

उत्तर :- पहला पद :– रैदास के पहले पद का केंद्रीय भाव यह है कि वे उनके प्रभु के अनन्य भक्त हैं। वे अपने ईश्वर से कुछ इस प्रकार से घुलमिल गए हैं कि उन्हें अपने प्रभु से अलग करके देखा ही नहीं जा सकता।

दूसरा पद  :– रैदास के दूसरे �द का केंद्रीय भाव यह है कि उसके प्रभु सर्वगुण संपन्न, दयालु और समदर्शी हैं। वे निडर है तथा गरीबों के रखवाले हैं। ईश्वर अछूतों के उद्धारक हैं तथा नीच को भी ऊँचा बनाने की क्षमता रखनेवाले सर्वशक्तिमान हैं।

संत रैदास संत कबीर एवं तुलसीदास के गुरु हैं। यही कारण है कि कबीर और तुलसी भी अपने गुरु की तरहमाज सुधारक के रूप में हम सबके समक्ष रहे हैं। यह बिल्कुल सत्य है कि रैदास जी के दोहे ने सामाजिक भेदभाव को बहुत हद तक दूर किया है। वह जाति-धर्म में भेद नहीं करते थे। वे सभी मनुष्यों को एक समान समझते थे।  वे गलत को गलत और सही को सही ही समझते थे। यही कारण है कि संत समाज में आज भी रैदास का नाम आता है।

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