12:26pm
अलगाववादी क्षेत्रवाद से क्या
अभिप्राय है?
1 भारतीय संघ के भीतर
अलग राज्य की मांग
2 भारतीय संघ से पृथक होना
3 भारतीय संघ के भीतर
अलग केंद्र शासित राज्य की मांग
4 उपरोक्त में से कोई नहीं
12:26 pm
Answers
सही जवाब है...
► भारतीय संघ के भीतर अलग राज्य की मांग
♦ अलगाववादी क्षेत्रवाद से तात्पर्य भारतीय संघ में ही किसी अलग राज्य की मांग से है। ♦
स्पष्टीकरण:
अलगाववादी क्षेत्रवाद से तात्पर्य भारतीय संघ के भीतर ही एक अलग स्वतंत्र राज्य की मांग करना है। बहुत से राज्य भौगोलिक दृष्टि से बेहद विशाल होते हैं. और उनमें ऐसा भी संभव हो सकता है कि यह किसी एक राज्य में अलग-अलग संस्कृति व भाषा आदि के लोग रहते हों। ऐसी स्थिति में अलग-अलग संस्कृति और विचारों वाले समुदायों में अपने लिए एक स्वतंत्र पृथक राज्य की मांग होने लगती है। यह लोग किसी राज्य के किसी क्षेत्र विशेष को लेकर एक अलग पृथक राज्य की मांग करते हैं। हालांकि अलगाववादी क्षेत्रवाद का समर्थन सरकारें सहजता से नही करतीं, क्योंकि सरकार यदि समर्थन करना आरंभ कर देंगे तो अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे लोगों की मांगे बढ़ती जाएंगी और एक समय ऐसा आएगा कि यह लोग एक पृथक देश की भी मांग कर सकते हैं ।अलगाववादी क्षेत्रवाद को अधिक बढ़ावा देना उचित नहीं है।
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