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स्वतंत्रता के समय भारत के विदेशी व्यापर की परिभाषा और दिशा की जा
औपनिवेशक शासन काल में कृषि की गतिहीनता के मुख्या कारण थे
TA
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भारत के विदेश व्यापार के अन्तर्गत भारत से होने वाले सभी निर्यात एवं विदेशों से भारत में आयातित सभी सामानों से है। विदेश व्यापार, ये आंकड़े वस्तु एवं कमोडिटी में व्यापार के आंकद़े हैं, इनमें सेवाओं एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सम्मिलित नहीं है।
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