120 lines tyohar hame ekta ke sutra mein bandhte hai in hindi-20 lines tyohar hame ekta ke sutra mein bandhte hai in hindi
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रोहतक, जागरण संवाददाता : त्योहार चाहे देशी हो व विदेशी, इनका मकसद समाज के लोगों को एक सूत्र में बांधना है। विभिन्न आयु वर्ग के लोगों में हर त्योहार की एक अलग महता होती है। यही चीजें व्यक्ति को सामाजिक बनाने के साथ उसके जीवन में खुशियां लाती हैं। 7 से 14 फरवरी तक चलने वाले वेलेंटाइन-डे सप्ताह को लेकर दैनिक जागरण ने विभिन्न आयु वर्ग के लोगों से विशेष बातचीत कर उनकी राय जानी।
हर्षा ने बताया कि वेलेंटाइन-डे पश्चिमी देशों का त्यौहार है। इसे सादगी पूर्वक मनाने में कोई बुराई नहीं है, इसे हम अपने दोस्तों व परिवार के लोगों के साथ मिलकर मनाते हैं। हम विदेशों से आने वाले रेडीमेड गारमेंट्स, मेडिसन, शिक्षा का अपने जीवन में स्वागत करते हैं, तो वहां के त्यौहारों को मनाने में कोई बुराई नहीं है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकता को बढ़ावा मिलता है। सरकार भी सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है, जिससे संस्कृति का आदान-प्रदान हो सके।
नेहा ने बताया कि देश में इतने त्यौहार हैं कि शायद ही कोई महीना हो जिसमें त्यौहार न हो। इसमें क्रिसमस-डे, वेलेंटाइन-डे व रोज-डे जैसे कई त्यौहारों का देश में प्रचलन बढ़ा है। आज दुनिया काफी छोटी हो गई है, यह सिर्फ आधुनिकीकरण के चलते संभव हुआ है। हमें किसी भी त्यौहार को मनाते हुए अपनी संस्कृति का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ सभी को चाहिए कि रोज-डे जैसे त्यौहारों पर प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट न करें। यदि किसी दोस्त को या परिवार के लोगों को फूल भेंट करने हैं तो कृत्रिम फूल भेंट किए जा सकते हैं। इससे आप प्रकृति को सुरक्षित रखने के साथ त्यौहार को भी सलीके से मनाते हैं।