13.
3.
प्रसाद जी के अनुसार कथा-साहित्य की मूल चेतना क्या है। संक्षेप में लिखिये ? 82
Answers
Answered by
4
¿ प्रसाद जी के अनुसार कथा-साहित्य की मूल चेतना क्या है। संक्षेप में लिखिये ?
✎... जयशंकर प्रसाद जी के अनुसार कथा साहित्य की मूल चेतना यथार्थ के प्रति दृष्टिकोण अर्थात यथार्थ के प्रति तथ्यपरक ना होकर अनुभूति केंद्रित होना है। प्रसाद जी किसी भी तरह की मानसिक बनावट को यथार्थ का हिस्सा मानते थे। उनकी रचनाओं में अतिवाद का आग्रह नहीं मिलता था और अपनी रचनाओं के माध्यम से वह प्रचार और कला दोनों को अद्वैता के आधार पर विकसित कर प्रस्तुत करते थे, यही उनके कथा साहित्य की मूल चेतना थी।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Answered by
4
Explanation:
प्रसाद जी के अनुसार कथा साहित्य की मूल चेतना
Similar questions