13. 3. 'टूट डाल से पात गया,तो पुनः कहाँ जुड़ता है
इस पंक्ति का क्या अर्थ है ?*
(1 Point)
क. टूटी पत्तियाँ जुड़ती नहीं, वैसे ही
बीता समय वापस नहीं लौटता
ख. ऊँची डाली से पत्ती तोडना कठिन है
ग. डाली से पत्तियाँ नहीं तोड़नी चाहिए
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क...टुटी पत्तीयाँ जुड़ती नही,वैसे ही बीता समय वापस नही लौटता।
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टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय. अर्थ: रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है. ... यदि यह प्रेम का धागा एक बार टूट जाता है, तो फिर इसे मिलाना कठिन होता है और यदि मिल भी जाए तो टूटे हुए धागों के बीच में गाँठ पड़ जाती है.
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