13. पद्यांशं पठित्वा उत्तरत-
पादयोन पदत्राणे शरीरे वसनानि नो ।
निर्धनं जीवन कष्टं सुखं दूरे हि तिष्ठति ॥
1.एकपदेन उत्तरत-
i. पादयोः के न स्तः?
.शरीरे कानिन सन्ति? ---
गा.निर्धनं किं कष्टम् अस्ति? ---
iv. कृषकात् दूरे किं तिष्ठति? ----
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पद्यांशं पठित्वा उत्तरत-
पादयोन पदत्राणे शरीरे वसनानि नो ।
निर्धनं जीवन कष्टं सुखं दूरे हि तिष्ठति ॥
1.एकपदेन उत्तरत-
i. पादयोः के न स्तः?
.शरीरे कानिन सन्ति? ---
गा.निर्धनं किं कष्टम् अस्ति? ---
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