Hindi, asked by monawalia1976, 8 months ago

15. निम्नलिखित प्रस्थान बिंदुओं के आधार पर 100-120 शब्दों में शीर्षक सहित एक लघु कथा लिखिए-
(5)
संकेत-बिंदु-
* जंगल के एक बड़े वट-वृक्ष की खोल में बहुत से बगुलों का रहना * उसी वृक्ष की जड़ में एक साँप का
रहना * चुपचाप बगुलों के बच्चों को खा जाना * एक बगुले का बहुत दुखी होकर नदी किनारे जाकर
बैठना * आँखों के आँसू देखकर एक केकड़े द्वारा रोने का कारण पूछना * पूरी घटना बताना और उपाय
पूछना * केकड़े का ऐसा उपाय बताना, जिससे साँप के साथ-साथ बगुलों का भी नाश हो जाना क्योंकि
बगुले उसके जन्मजात शत्रु * नेवले के बिल से शुरू करके साँप के बिल तक माँस के टुकड़े बिखरने की
सलाह देना * बगुले का ऐसा ही करना * नेवले द्वारा साँप के साथ-साथ उस वृक्ष पर रहने वाले सभी
बगुलों को भी खा जाना * बगुले द्वारा उपाय के बारे में सोचना पर दुष्परिणाम के बारे में न सोचना
अपनी मूर्खता का फल पाना।

Answers

Answered by rinkurinku0182
5

Explanation:

अपनी मूर्खता का फल पाना।

Answered by vs287390
1

Answer:

जंगल के एक बड़े वट-वृक्ष की खोल में बहुत से बगुले रहते थे । उसी वृक्ष की जड़ में एक साँप भी रहता था । वह बगलों के छोटे-छोटे बच्चों को खा जाता था ।

एक बगुला साँप द्वारा बार-बार बच्चों के खाये जाने पर बहुत दुःखी और विरक्त सा होकर नदी के किनारे आ बैठा ।

उसकी आँखों में आँसू भरे हुए थे । उसे इस प्रकार दुःखमग्न देखकर एक केकड़े ने पानी से निकल कर उसे कहा :-"मामा ! क्या बात है, आज रो क्यों रहे हो ?"

बगुले ने कहा - "भैया ! बात यह है कि मेरे बच्चों को साँप बार-बार खा जाता है । कुछ उपाय नहीं सूझता, किस प्रकार साँप का नाश किया जाय । तुम्हीं कोई उपाय बताओ ।"

केकड़े ने मन में सोचा, 'यह बगला मेरा जन्मवैरी है, इसे ऐसा उपाय बताऊंगा, जिससे साँप के नाश के साथ-साथ इसका भी नाश हो जाय ।’ यह सोचकर वह बोला -

"मामा ! एक काम करो, मांस के कुछ टुकडे़ लेकर नेवले के बिल के सामने डाल दो । इसके बाद बहुत से टुकड़े उस बिल से शुरु करके साँप के बिल तक बखेर दो । नेवला उन टुकड़ों को खाता-खाता साँप के बिल तक आ जायगा और वहाँ साँप को भी देखकर उसे मार डालेगा ।"

बगुले ने ऐसा ही किया । नेवले ने साँप को तो खा लिया किन्तु साँप के बाद उस वृक्ष पर रहने वाले बगुलों को भी खा डाला ।

बगुले ने उपाय तो सोचा, किन्तु उसके अन्य दुष्परिणाम नहीं सोचे । अपनी मूर्खता का फल उसे मिल गया ।

सीख : करने से पहले सोचो

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