Hindi, asked by bwadhwani902, 5 months ago

150 से 200 शब्दों में लेख लिखिए " बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ "​

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Answered by madanmohan9717tiwari
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Answer:

महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए कार्यरत हैं दूसरी तरफ़ यह सोचकर मुझे काफ़ी दु:ख होता है किभारत जैसे देश में ऐसे भी लोग हैं जिन्हें यह बताने की ज़रूरत है कि नारियों को भी उनका अधिकार मिलना चाहिए।

Answered by devanshi55
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जहाँ नारियों को सम्मान दिया जाता है वहाँ साक्षात् देवता निवास करते हैं ये आपकी और मेरी कही हुई बात नहीं हैं वरन् वेद वाक्य है, फिर भी इस ध्रुव सत्य पर उपेक्षा के बदल सदियों से मँडराते आ रहे हैं। विषय के आधुनिक पक्ष की ओर विचार करें तो मुझे एक तरफ़ यह जानकर बड़ी प्रसन्नता होती है कि नारी सशक्तीकरण, लाड़ली योजना, बेटी-बचाओ,बेटी पढ़ाओ आदि योजनाएँ लागू की जा रही हैं जो साबित करती है कि अभी भी समाज के ऊँचे पदों पर बुद्धिजीवी लोग आसीन हैं जो सृष्टि की संरचना में आधीभूमिका निभाने वाली महीयशी महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए कार्यरत हैं दूसरी तरफ़ यह सोचकर मुझे काफ़ी दु:ख होता है किभारत जैसे देश में ऐसे भी लोग हैं जिन्हें यह बताने की ज़रूरत है कि नारियों को भी उनका अधिकार मिलना चाहिए।उनलोगों के ज़हन में ये साधारण-सी बात क्यों नहीं आती कि उनके अस्तित्व में आधी साझेदारी स्त्री की ही है और अगर वो इस विषय पर थोड़ा और विचार करें तो वे यह भी जान पाएँगे कि अगर उनके व्यक्तित्व में कहीं भी कुछ भी कमी रह गई है तो इसके पीछे का एकमात्र कारण उनसे जुड़ी स्त्रियों के अधिकारों का हनन है। आज के इस विकासशील देश में जहाँ मंगलयान की सफलता पर पूरा विश्व भारत को शुभकामनाएँ दे रहा है। उसी समय एक सवाल मुंह उठाता है कि क्या भारत केवल तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है? क्या नारियों के प्रति सोच-विचार की मानसिकता में प्रगति शिथिल पड़ी हुई है? लिंगानुपात के बढ़ते असंतुलनको देखकर भी हमारी आँखें नहीं खुलती। पिछले 14 वर्षों से सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं में लड़कियाँ ही अव्वलआ रही हैं।

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