Hindi, asked by drakejohnson1635, 1 year ago

150 words essay on swachata ke fayde

Answers

Answered by nitinsharma7545
1
here is ur essay on SWACHTA K FAYDE


महात्मा गाँधी ने स्वच्छता अभियान के लिए कहा था की यह स्वतंत्रता से भी ज्यादा जरूरी है जिन्दगी भर उन्होंने इसके लिए प्रयत्न किया था पनान्तु आज़ादी के बाद इस पर चर्चा खूब हुयी परन्तु कोई ठोस कार्य गंभीरता पूर्वक नहीं हुआ.इसकी वज़ह से राष्ट्र का नुक्सान बहुत हुआ.गंदगी की वज़ह से लोग बहुत से देशवासी विभिन्न बीमारियों के शिकार हो जाते है जिनके इलाज़ पर सरकार को करोड़ो रुपये खर्च करने पड़ते है इसके अलावा बीमार होने से काम की हानी होती, विदेशी पर्यटक दर के मरे नहीं आते जिससे विदेशी मुद्रा की हानि होती.बीमारी की वजह से लोगो की आयु कम हो जाती और बहुत सी औरतो की गर्भाधान में समस्या के कारण बहुत से बच्चे या तो गर्भ में पैदा होने के बाद जल्दी मर जाते.२०१२ की रिपोर्ट के अनुसार शहर में ८.८% और गांवों में ६०% लोगो बिना शौचालय के बिना हैं.जी. डी.पी का करीब ६.५% का नुक्सान होता है.देश के प्रधान मंत्री मोदीजी ने १५ अगस्त को अपने सम्बोधन में इस बात की चर्च की थी उसके ही अनुसार २ अक्टूबर को गांधीजी की जयंती के अवसर पर स्वछिता अभियान शुरू किया जिसमे वाल्मीकि बस्ती नयी दिल्ली में खुद झाड़ू लेकर सफाई की और उनके और मत्री विभिन्न जगहों में इस राष्ट्रीय अभियान में जुड़ गए और झाड़ू लेकर खुद सफाई के.पुरे देश में ज्यादातर लोगो ने इस अभियान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया .देश में सफाई के प्रति एक जागरूता की शुरुहात हुई .उन्होंने देश के ९ महान लोगो जिसमे बाबा रामदेवजी,सचिन तेंदुलकर ,आमिर खान,प्रियंका चोपड़ा ,सलमान खान, शशि थरूर ,कमल हसन ,तारक मेहता का उल्टा चशमा की पुरी टीम, पच्छिम बंगाल की रजयपाल मरिदुल सिन्हा थी.इस अवसर पर पुरे देश को उन्होंने शपथ दिल्वाही जिसमे कहा गया की न हाँ गंदगी करेंगे न करने देंगे और हफ्ते में २ घंटे सफाई में लगायेंगे.उन्होंने कहा की हर नागरिक १०० अन्य नागरिको को जोड़ने का कार्य करेंगे.स्वच्छ भारत देश की प्रतिष्ठा बढायेगा और देश के समृध्य रास्त्रो में गिनती के साथ विदेशीओ को आकर्षित करेगा.२०१९ तक गांधीजी की १५० वी जयंती पर रास्त्र को उनकी यह भेट देनी है.इसको राजनितिक चश्मे से देखनी की जगह राष्ट्रीय परपेक्ष में लेना चाइये .उन्होंने पिछली सरकारों के प्रयासों की भी तारीफ़ की.जो लोग मोदीजी की कार्यशैली से परचित है उनको विश्वास है की यह अभियान भी सफल होगा.इसको गांधीजी के आन्दोलन की तरह जन आन्दोलन में बदल कर सफलता मिलेगी.यह सरकार का नहीं बल्कि हर एक नागरिक का कर्तव्य है.जब अन्य देश साफ़ सुथरे रह सकते हैं तो हम क्यों नहीं.इच्छा सकती की जरूरत है.मोदीजी देश के पहले प्रधान मंत्री हैं जिन्होंने झाड़ू ले कर सफाई का आदर्श उपस्तिथ किया.इसमें कोई शक नहीं की एक दिन में ये कार्य संपन्न नहीं होगा क्योंकी देश्वाशी अपने कर्तव्यों को भूल चुके हैं परन्तु महान हस्तियों का शामिल होना, आधुनिक संसथ्नो टीवी ,रेडियो,अखबार और सोशल साइट्स ट्विटर ,फेसबुक आदि का प्रयोग कर जन जाग्रति पैदा कर यह देश जरूर सफल होगा.जब कम खर्च में हम मंगल गृह जा सकते तो स्वच्छता अभियान में क्यों सफल नहीं हो सकती.यह राष्ट्र असीम शक्तिओं से भरा है परन्तु इन सोयी शक्तियों को जगाने और सही दिशा में लगाने की ज़रूरत है.विश्व देश के इस सफल अभियान का मूकदर्शक होगा.हम सब लोगो को इस अभियान में जुड़ने और सफल बनाने की शपथ लेनी होगी और शुरुहात घर और कार्यालय से होगी.सड़क पर ,स्टेशन पर और ऊपर से घर से कूड़ा फेकने की आदत बंद करनी पड़ेगी !
Similar questions