Hindi, asked by poojasonal632, 6 hours ago

16. औचित्य संप्रदाय के प्रवर्तक आचार्य कुंतक क्षेमेंद्र दंडी
(A) कुंतक
(B) क्षेमेंद्र
(C) दंडी
(D) राजशेखर
17. शब्द अर्थ संगम सहित भरे चमत्कृत भाय। जग अदभुत में अद्भुतहिँ सुखदा काव्य बनाए पंक्ति है
(A) रुद्रट ने
(B) पंडितराज जगन्नाथ को
(C) राजशेखर
(D) ग्वाल कवि रसिकानंद
18. अलंकार के भेद
(A) शब्दालंकार
(B) उभयालंकार
(C) अर्थालंकार
(D) सभी​

Answers

Answered by raninayak490
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Answer:

16. a. क्षेमेंद्र

17. (D) ग्वाल कवि रसिकानंद

18. (D) सभी

Explanation:

16. a. भारतीय काव्यशास्त्र में आचार्य अभिनवगुप्त के शिष्य क्षेमेंद्र ने अपनी कृति "औचित्यविचारचर्चा" में रससिद्ध काव्य का जीवित या आत्मभूत औचित्य तत्व को घोषित कर एक नए सिद्धांत की स्थापना की थी, जो औचित्यवाद के नाम से प्रसिद्ध है। अलंकार और गुण की योजना जब तक उचित नहीं होगी, काव्य चमत्कारी नहीं हो सकेगा।

17. 'शब्द अर्थ संगम सहित भरे चमत्कृत भाय। जग अद्भुत में अद्भुतहिँ सुखदा काव्य बनाए' ये पंक्ति 'ग्वाल कवि रसिकानंद' की है। ग्वाल कवि रसिकानंद 18वीं-19वीं शताब्दी में हिंदी के प्रसिद्ध कवि थे। उनका जन्म 1791 ईस्वी में वृंदावन (मथुरा) में हुआ था।

18. अनुप्रास अलंकार – Anupras alankar. ...

यमक अलंकार ( Yamak alankar ) ...

श्लेष अलंकार ( Shlesh alankar ) ...

उपमा अलंकार ( Upma alankar ) ...

रूपक अलंकार ( Rupak alankar ) ...

6 उत्प्रेक्षा अलंकार ( Utpreksha alankar ) ...

मानवीकरण अलंकार ( Maanvikaran alankar ) ...

8 पुनरुक्ति अलंकार ( Punrukti alankar )

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