Hindi, asked by shreyas5046, 4 months ago

16/ दोहेलेसन नंबर सिक्सटीन रहीम के चार दोहे ​

Answers

Answered by Anonymous
1

Answer:

yes,this is the answer of the question

Explanation:

please like my every answer , and rate it and thax my answers please and I will also

Answered by rkori004
1

Answer:

is

Explanation:

जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,

मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।

अर्थ :- ज्ञान का महत्वा धर्म से कही ज्यादा ऊपर है इसलिए किसी भी सज्जन के धर्म को किनारे रख कर उसके ज्ञान को महत्वा देना चाहिए। कबीर दस जी उदाहरण लेते हुए कहते है कि - जिस प्रकार मुसीबत में तलवार काम आता है न की उसको ढकने वाला म्यान, उसी प्रकार किसी विकट परिस्थिती में सज्जन का ज्ञान काम आता है, न की उसके जाती या धर्म काम आता है। Kabir Das

2.

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,

माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।

अर्थ :- कबीर दस जी कहते है कि किसी भी कार्य को पूरा होने के लिए एक उचित समय सीमा की आवश्यकता होती है, उससे पहले कुछ भी नहीं हो सकता। इसलिए हमे अपने मन में धैर्य रखना चाहिए और अपने काम को पूरी निष्ठा से करते रहना चाहिए। उदाहरण के तौर पे - यदि माली किसी पेड़ को सौ घड़ा पानी सींचने लगे तब भी उसे ऋतू आने पर ही फल मिलेगा। इसलिए हमे धीरज रखते हुए अपने कार्य को करते रहना चाहिए, समय आने पर फल जरूर मिलेगा।

3.

तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय,

कबहुँ उड़ी आँखीन पड़े, तो पिर घनेरि होय।

अर्थ :- कबीर जी कहते है कि हमारे पाँव के निचे जो छोटा सा तिनका दबा हुआ रहता है हमे उसकी भी कभी निंदा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यदि वही छोटा तिनका उड़ कर हमारे आखो में आ गया तो अत्यधिक पीड़ा का कारण बन जाता है। अथार्थ इस दुनिया में हर एक छोटे से छोटे चीज़ भी अगर सही जगह में पहुंच गया तो हमारे लिए काफी संकट पैदा कर सकता है। इसलिए हमे किसी की भी निंदा नहीं करनी चाहिए चाहे वह छोटा हो या बड़ा। Sant kabir dohe

kabir das ke dohe in hindi with meaning | कबीर दास के दोहे हिंदी अर्थ सहित

4.

लूट सके तो लूट ले,राम नाम की लूट ।

पाछे फिर पछ्ताओगे,प्राण जाही जब छूट ॥

अर्थ :- संत कबीर जी कहते है कि जब तक तुम जिन्दा हो, ईश्वर का नाम लो उसकी पूजा करो नहीं तो मरने के बाद तुम्हे पछताना पड़ेगा।

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