19. एकबीजपत्री एवं द्विबीजपत्री बीज में कोई चार अंतर लिखिए।
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एकबीजपत्री किसे कहते है ?
ऐसे बीज जिसमें समांतर शिरा विन्यास, संवहनी बंडलों की जटिल व्यवस्था, पुष्पीय भाग सामान्यतः 3 गुणक में होते है। साथ ही साथ रेशेदार जड़तंत्र होता हैं। उन्हें एकबीजपत्री कहा जाता हैं।
द्विबीजपत्री पत्री किसे कहते है?
ऐसे बीज जिसमे दो बीजपत्र, शाखीय शिरा विन्यास, संवहनी बंडलों की छल्लो में व्यवस्थित होना, पुष्पीय भाग सामान्यतः 4 या 5 के गुणक में होते है। साथ ही साथ सामान्य मूसला जड़ तंत्र होता हैं। उसे द्विबीजपत्री पत्री पौधे कहते है।
एकबीजपत्री(Monocotyledonae)
~इनके बीजो में एक ही बीजपत्र उपलब्ध होता हैं।
~इनके तने शाखाहीन कहे संवहनी बंडलों की जटिल व्यवस्था के रूप में होते है।
~एकबीजपत्री के बीज भ्रूणपोषी होते है।
~इनके पुष्पो के भाग तीन या चार के गुणक के रूप में बटे होते है।
~एकबीजपत्री के पत्तियों का शिराविन्यास समांतर होता हैं।
~इनमे पूर्णविन्यास एकान्तर ही होता हैं।
~इनमे जड़ तंत्र प्रायः अपस्थानिक रेशेदार या झकडा होता हैं।
जैसे – गेंहू, मक्का, ज्वार, प्याज, गन्ना आदि l
द्विबीजपत्री(Dicotyledonae)
~इनके बीजो में दो बीज पत्र उपलब्ध होते है।
~इनके तने प्रायः शाखायुक्त या कहे संवहनी बंडलों की छल्लो में व्यवस्थित होते है।
~द्विबीजपत्री के बीजो में कुछ बीजो को छोड़ कर अभ्रूणपोषी होते है।
~द्विबीजपत्री पत्री के भाग चार या पांच के गुणक के रूप में बटे होते है।
~द्विबीजपत्री पत्तियों का शिराविन्यास जलिकावत होता हैं।
~इनमे पर्णविन्यास एकांतर , सम्मुख तथा चक्रीय होता हैं।
~इनमे जड़ तंत्र प्रायः मसला होता हैं।
जैसे – गुड़हल, सूर्यमुखी, मटर, सरसो आदिl
Explanation:
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