1942 के आंदोलन में विद्यार्थियों का क्या योगदान रहा
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा नौ अगस्त 1942 को बंबई अधिवेशन में अंग्रेज भारत छोड़ो के आह्वान पर जनपद में 12 अगस्त 1942 को स्कूली छात्रों द्वारा तहसील पर लगे यूनियन जैक को उतार कर तिरंगा फहराने में छह रणबांकुरे शहीद हो गए थे। जनपद का स्वतंत्रता संग्राम में विशेष योगदान रहा है।
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बहुत से छात्रों ने आजादी के आन्दोलन में हंसते हंसते अपनी जान तक कुर्बान की है। जब शहीद भगत ¨सह और उनके साथियों ने आजादी के आन्दोलन को समझा और इसमें कदम रखा तब वो भी विद्यार्थी ही थे। उन्होंने एक ऐसे देश की कल्पना की, जिसमें कोई भी इंसान दूसरे इंसान का शोषण न करे। जाति और धर्म के नाम पर आदमी के साथ भेदभाव नहीं किया जाए।
Explanation:
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा नौ अगस्त 1942 को बंबई अधिवेशन में अंग्रेज भारत छोड़ो के आह्वान पर जनपद में 12 अगस्त 1942 को स्कूली छात्रों द्वारा तहसील पर लगे यूनियन जैक को उतार कर तिरंगा फहराने में छह रणबांकुरे शहीद हो गए थे।