1992 में बांग्लादेश ने चीन को कितना बीघा क्षेत्र दे दिया था |
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फिलहाल चीन भारत के पड़ोसी मुल्कों से दोस्ती बढ़ाना चाह रहा है, ताकि अपने ही महाद्वीप में भारत की स्थिति कमजोर हो जाए. माना जा रहा है कि ऐसा भारत की आर्थिक और कूटनीतिक ताकत के बढ़ने के चलते हो रहा है. हाल ही में नेपाल ने भी नया राजनैतिक नक्शा जारी किया, जिसमें उसने भारत के तीन इलाकों पर अपना दावा किया है. माना जा रहा है कि ऐसा नेपाल ने चीन के उकसावे में आकर किया. अब चीन बांग्लादेश पर भी अपना दांव खेल रहा है.
इसी महीने चीन ने ऐलान किया कि वो वहां के 5000 से ज्यादा आइटमों पर सीमा शुल्क नहीं लेगा. हालांकि तब भी बांग्लादेश के साथ भारत के संबंध इतने ठीक तो हैं कि फिलहाल किसी गड़बड़ी की आशंका नहीं लगाई जा रही. दोनों देशों के मजबूत संबंधों का ही सबूत है तीन बीघा गलियारा, जो भारत ने बांग्लादेश को लीज पर दे रखा है.
जानिए, क्या है ये गलियारा
तीन बीघा कॉरिडोर भारत की जमीन का वो एक हिस्सा है जो दोनों देशों की सीमा पर है. इसे सितंबर 2011 में बांग्लादेश को लीज पर दिया गया. इससे बांग्लादेश के दहग्राम-अंगरपोटा (Dahagram–Angarpota) एनक्लेव को सीधे-सीधे जमीनी रास्ते से बांग्लादेश से जोड़ा जा सका. दरअसल कहानी बांग्लादेश के विभाजन से शुरू होती है. तब दोनों देशों की सीमा पर ऐसे कई क्षेत्र थे, जो प्रशासनिक तौर पर तो एक के अधिकार में थे लेकिन उन तक पहुंचने का रास्ता दूसरे देश से होकर जाता था. ऐसे में नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.